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Rule Change From 1st october 2024: सुकन्या समृद्धि योजना और अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स के लिए नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू

भारत सरकार ने लघु बचत योजनाओं के नियमन और प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होंगे। इन नियमों में प्रमुख रूप से सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसए), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), और अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स शामिल हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा 21 अगस्त 2024 को जारी सर्कुलर के तहत, 6 प्रमुख श्रेणियों में नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य इन योजनाओं के अंतर्गत अनियमित खातों की स्थिति को नियमित करना और निवेशकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

1. अनियमित एनएसएस खाते

अनियमित एनएसएस (नेशनल सेविंग्स स्कीम) खातों के लिए नए नियमों के तहत, सबसे पहले खोले गए खाते पर प्रचलित योजना की ब्याज दर लागू होगी, जो कि मौजूदा नियमों के अनुसार निर्धारित की जाती है। इसका मतलब है कि इस खाते पर वही ब्याज दर मिलेगी जो योजना के सामान्य नियमों के अनुरूप होती है। दूसरी ओर, दूसरे खाते की बकाया राशि पर प्रचलित पीओएसए (पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट) ब्याज दर के साथ-साथ 200 बेसिस प्वाइंट्स (बीपीएस) की अतिरिक्त दर लागू होगी। हालांकि, दोनों खातों के लिए एक साथ संचयी जमा राशि प्रत्येक वर्ष के लिए लागू जमा सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।

यदि किसी वर्ष में अतिरिक्त राशि जमा की जाती है, तो वह राशि बिना किसी ब्याज के निवेशक को वापस कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, एनएसएस-87 के निवेशकों को 12 जुलाई 2024 के कार्यालय ज्ञापन के तहत 30 सितंबर 2024 तक एकमुश्त विशेष छूट प्रदान की जाएगी, जिसका लाभ उठाकर निवेशक अपनी जमा राशि को नियमित कर सकते हैं। इस विशेष छूट की अवधि समाप्त होने के बाद, 1 अक्टूबर 2024 से दोनों खातों पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी। इस प्रकार, अनियमित एनएसएस खातों के लिए ब्याज दरों और नियमों को लेकर सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं, जिससे निवेशकों को उनके खातों की स्थिति को समझने और प्रबंधित करने में आसानी होगी।

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1.2 दो एनएसएस-87 खातों के नियम

  1. महानिदेशक डाक के आदेश संख्या 35-19/90-एसबी-III दिनांक 02.04.1990 के तहत दो एनएसएस-87 खातों के संचालन के नियम निम्नलिखित हैं: पहले खाते पर ब्याज दर का निर्धारण सबसे पहले खोले गए खाते पर लागू प्रचलित योजना की दर के आधार पर किया जाएगा, जबकि दूसरे खाते पर ब्याज दर बकाया राशि पर लागू प्रचलित पीओएसए (पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट) दर के अनुसार होगी।
  2. दोनों खातों के लिए समान शर्तें हैं कि कुल जमा राशि हर वर्ष के लिए निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि किसी कारणवश जमा राशि इस सीमा से अधिक हो जाती है, तो अतिरिक्त राशि बिना किसी ब्याज के निवेशक को वापस कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, एनएसएस-87 के निवेशकों को 12 जुलाई 2024 के कार्यालय ज्ञापन के तहत विशेष छूट दी जाएगी, जिसके अनुसार 30 सितंबर 2024 तक विशेष छूट का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके बाद, 1 अक्टूबर 2024 से दोनों खातों पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी।
  3. एनएसएस-87 (राष्ट्रीय बचत योजना 1987) के तहत दो से अधिक खातों के संचालन के नियम और ब्याज की व्यवस्था विशेष शर्तों के अधीन होती है। यदि एक निवेशक के पास एनएसएस-87 के दो खाते हैं, तो इन खातों के ब्याज की दरें और शर्तें विशेष रूप से निर्धारित की जाती हैं। पहले खाते पर प्रचलित योजना की ब्याज दर लागू होगी, जो कि उस समय के लिए निर्धारित की गई ब्याज दर के अनुसार होगी। दूसरे खाते पर ब्याज दर का निर्धारण पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट (पीओएसए) की प्रचलित दर के आधार पर किया जाएगा।
  4. यह सुनिश्चित करने के लिए कि दोनों खातों की संचयी राशि निवेशक के लिए लाभकारी रहे, कुल जमा राशि हर वर्ष के लिए तय की गई अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए । अगर किसी कारणवश जमा राशि इस सीमा को पार कर जाती है, तो अतिरिक्त राशि निवेशक को बिना किसी ब्याज के वापस कर दी जाएगी ।
  5. हालांकि, जब निवेशक के पास तीन या उससे अधिक एनएसएस-87 खाते होते हैं, तो इनमें अलग-अलग नियम लागू होते हैं। तीसरे और उसके बाद के सभी खातों पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इन अतिरिक्त खातों की मूल राशि ही निवेशक को वापस कर दी जाएगी। यह नीति यह सुनिश्चित करती है कि केवल पहले दो खातों पर ही ब्याज का लाभ प्राप्त किया जा सके , जबकि तीसरे और अन्य अतिरिक्त खातों को ब्याज के लाभ से वंचित रखा जाता है। अतिरिक्त खातों की मूल राशि बिना ब्याज के वापस की जाती है , जिससे कि निवेशक को किसी भी अतिरिक्त लाभ की प्राप्ति नहीं होती ।
  6. इस व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि एनएसएस-87 योजना के अंतर्गत विभिन्न खातों को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से चलाया जा सके । इससे निवेशकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि वे केवल सीमित संख्या में खातों पर ब्याज का लाभ उठा सकें और इसके साथ ही योजना के तहत निर्धारित शर्तों का पालन कर सकें । इसके अतिरिक्त, यह प्रावधान योजना के नियमों के उल्लंघन को रोकने में भी सहायक होता है और निवेशकों को अतिरिक्त लाभ के अवसरों को अनावश्यक रूप से बढ़ाने से रोकता है ।
  7. इस प्रकार, एनएसएस-87 खातों की यह व्यवस्था निवेशकों को स्पष्टता और निष्पक्षता प्रदान करती है , जिससे कि वे अपने निवेश को सुचारू रूप से प्रबंधित कर सकें और किसी भी संभावित भ्रम से बच सकें । यह नीति यह भी सुनिश्चित करती है कि केवल अनुमत संख्या में खातों पर ब्याज की व्यवस्था हो और किसी भी अनधिकृत या अतिरिक्त खाते पर ब्याज का लाभ न मिले । इस प्रकार , एनएसएस-87 योजना का उद्देश्य अपने निवेशकों को दी गई सुविधाओं और लाभों के प्रति पारदर्शिता बनाए रखना है ।

2. नाबालिग के नाम से खोला गया पीपीएफ खाता

नाबालिग के नाम से खोले गए पीपीएफ खातों के लिए नई नियमावली के तहत , ऐसे खातों को विशेष ध्यान दिया जाएगा। जब तक नाबालिग 18 वर्ष का नहीं हो जाता , तब तक इन खातों पर पीओएसए (पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट) की ब्याज दर लागू होगी , जो कि कम होती है। नाबालिग के 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद , खाते पर लागू पीपीएफ की मानक ब्याज दर लागू की जाएगी , जो कि अधिक होती है और नाबालिग के वयस्क होने के बाद की अवधि के लिए निर्धारित की जाती है ।

इसके अलावा , पीपीएफ खातों की मैच्योरिटी की गणना भी नाबालिग के वयस्क होने की तारीख से की जाएगी । इसका मतलब यह है कि मैच्योरिटी की तारीख उसी दिन से शुरू होगी जब व्यक्ति 18 वर्ष का हो जाएगा , और मैच्योरिटी की अवधि इस तिथि से शुरू होकर पूरी होगी । इस प्रकार , नाबालिग के नाम पर खोले गए पीपीएफ खाते की ब्याज दर और मैच्योरिटी की गणना नाबालिग के वयस्क होने के बाद के नियमों के अनुसार की जाएगी ।

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3. दो पीपीएफ खातों के नियम

प्राइमरी अकाउंट पर ब्याज दर : प्राइमरी खाते पर योजना की दर से ब्याज मिलेगा , बशर्ते जमा राशि हर साल के लिए लागू अधिकतम सीमा के भीतर होनी चाहिए ।

सेकेंडरी अकाउंट की राशि: सेकेंडरी अकाउंट की बचे हुए पैसे को पहले अकाउंट में मिला दिया जाएगा , बशर्ते प्राइमरी अकाउंट हर साल लागू निवेश अधिकतम सीमा के भीतर रहे । विलय के बाद प्राथमिक खाते पर चल रही योजना दर से ब्याज मिलता रहेगा। सेकेंडरी अकाउंट में अतिरिक्त राशि , यदि कोई हो , शून्य प्रतिशत ब्याज दर के साथ वापस कर दी जाएगी ।

अन्य खाते: प्राइमरी और सेकेंडरी अकाउंट को छोड़कर किसी भी अन्य खाते पर उस खाते को खोलने की तारीख से शून्य प्रतिशत ब्याज दर से ब्याज मिलेगा ।

4. एनआरआई द्वारा पीपीएफ खाते का विस्तार एनआरआई के लिए:

ब्याज दर: केवल उन एक्टिव एनआरआई के लिए जो पीपीएफ खाते के तहत खोले गए हैं , जहां फॉर्म एच में निवास स्थिति के बारे में विशेष रूप से नहीं पूछा गया है , खाताधारक को 30 सितंबर 2024 तक पीओएसए दर पर ब्याज दिया जाएगा । इसके बाद , शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी ।

5. नाबालिग के नाम से खोला गया स्मॉल सेविंग अकाउंट

साधारण ब्याज : ऐसे अनियमित खातों को साधारण ब्याज के साथ नियमित किया जा सकता है । खाते पर साधारण ब्याज की गणना के लिए ब्याज दर प्रचलित पीओएसए दर होनी चाहिए ।

6. दादा- दादी द्वारा खोले गए सुकन्या समृद्धि खाते के नियम

खाता हस्तांतरण: दादा- दादी द्वारा खोले गए सुकन्या समृद्धि खातों के मामले में , संरक्षकता कानून के तहत हकदार व्यक्ति को खाता हस्तांतरित किया जाएगा । यानी , यह खाता जीवित माता- पिता या कानूनी अभिभावक को सौंपा जाएगा ।

दो या अधिक खाते: यदि सुकन्या समृद्धि योजना के दिशानिर्देशों के उल्लंघन में किसी परिवार में दो से अधिक खाते खोले जाते हैं , तो ऐसे अनियमित खातों को योजना दिशानिर्देशों के उल्लंघन के रूप में मानते हुए बंद कर दिया जाएगा ।

इन नियमों का उद्देश्य लघु बचत योजनाओं की स्थिति को सुव्यवस्थित करना और निवेशकों के लिए स्पष्टता प्रदान करना है । 1 अक्टूबर 2024 से इन नए नियमों के लागू होने से निवेशक अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उनका उचित प्रबंधन कर सकेंगे ।

Sai Anshu

Sai Anshu is a skilled journalist who writes insightful articles on business, schemes, finance, and trending news, helping readers stay informed and engaged.

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