सावन में भगवान शिव जी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए? जानें महादेव की पूजा का महाउपाय
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो भगवान शिव को प्रसन्न करने के बजाय उन्हें क्रोधित कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि सावन में भगवान शिव को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए।
1. शंख:
शंख को विष्णु से जोड़ा जाता है और इसे समुद्र मंथन से प्राप्त माना जाता है। शिव पुराण में शंखचूड़ नामक असुर का उल्लेख मिलता है, जिसका वध शिव ने किया था। कुछ संप्रदायों में शंख का उपयोग शिव पूजा में किया जाता है, लेकिन अधिकांश में इसे वर्जित माना जाता है।
2. तुड़ाई के बाद सूखे हुए फूल:
सूखे हुए फूलों में जीवन नहीं होता है इसलिए इन्हें भगवान को अर्पित नहीं करना चाहिए। ताजे फूलों को ही भगवान को अर्पित करना चाहिए।
3. तुलसी:
तुलसी को विष्णु माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और इसे विष्णु पूजा में अधिक उपयोग किया जाता है। शिव पुराण में एक कथा के अनुसार, तुलसी ने शिव को श्राप दिया था। कुछ संप्रदायों में तुलसी को शिव पूजा में भी उपयोग किया जाता है, लेकिन अधिकांश में इसे वर्जित माना जाता है।
4. हल्दी:
हल्दी को स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है और इसका उपयोग आमतौर पर स्त्रियों द्वारा किया जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, हल्दी का सेवन करने से तमोगुण बढ़ता है। कुछ लोग मानते हैं कि हल्दी चढ़ाने से कोई हानि नहीं होती है, लेकिन पारंपरिक मान्यताओं का पालन करना बेहतर होता है।
5. खंडित बेलपत्र:
बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय है, लेकिन खंडित बेलपत्र अपूर्णता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि पूर्ण और स्वस्थ बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। यह एक व्यापक रूप से स्वीकृत मान्यता है कि खंडित बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।
6. सिंदूर:
सिंदूर को स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है और इसे पार्वती माता से जोड़ा जाता है। शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। शिव पुराण में एक कथा है जिसमें एक तपस्वी ने भूल से शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ा दिया था, जिससे पार्वती माता क्रोधित हुई थीं। कुछ लोग मानते हैं कि सिंदूर चढ़ाने से कोई हानि नहीं होती है, लेकिन पारंपरिक मान्यताओं का पालन करना बेहतर होता है।
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अन्य बातें जिनका ध्यान रखना चाहिए:
- अशुद्ध चीजें: भगवान शिव को कभी भी अशुद्ध चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए।
- कटा हुआ फल: कटे हुए फल को भगवान को चढ़ाना अशुभ माना जाता है।
- गंदे कपड़े: भगवान शिव को गंदे कपड़े या फटे हुए कपड़े नहीं चढ़ाने चाहिए।
- काले रंग के वस्त्र: काले रंग को शोक का प्रतीक माना जाता है इसलिए काले रंग के वस्त्र भगवान शिव को नहीं चढ़ाने चाहिए।
सावन में भगवान शिव को क्या चढ़ाना चाहिए:
- बेलपत्र: बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है।
- धतूरा: धतूरा भी भगवान शिव को प्रिय है।
- जल: जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
- दूध: कुछ मान्यताओं के अनुसार, दूध भी भगवान शिव को चढ़ाया जा सकता है।
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। भगवान शिव को शुद्ध मन से और पूरे विश्वास के साथ अर्पित किया गया भोग उन्हें प्रसन्न करता है।